नमस्कार दोस्तो , जैसा कि आप सबको पता ही हैं कि Covid-19 की वजह से मार्केट में लॉकडाउन हुआ ,जिसकी वजह से काफी कुछ उलट फेर हुआ ।
इसी प्रकार आरबीआई ने भी एफ़डी और छोटी बचत योजनाओ पर मिलने वाले ब्याज दरो में भरी कटौती की हैं , इसी वजह से हमारे मार्केट एक्स्पर्ट्स लोगो को महंगाई (मुद्रास्फीति) को हराने के लिए और अच्छे रिटर्न्स कमाने के लिए म्यूचुअल फ़ंड मे निवेश करने की सलाह दे रहे हैं ।
हमारे एक्स्पर्ट्स का मानना है कि म्यूचुअल फंड्ज एक लंबे अवधि मे शानदार रिटर्न्स दे सकते हैं । निवेश करने से पहले आपको ये ध्यान देने की बहुत जरूरत है कि मुद्रास्फीति और टैक्स ये दोनों ऐसी चीजे है जो समय से साथ आपकी सेविंग्स को काफी हद तक घटा सकती हैं ।
भविष्य में आपको अपने लक्ष्यो या सपनों को पूरा करने के लिए और रुपयो कमी से बचने के लिए हमारे एक्स्पर्ट्स लोगो को यही समान्यतः सलाह देते है की निवेश करने से पहले व्यक्ति मुद्रास्फीति और टैक्स में अवलोकन जरूर करे ,जिससे भविष्य में मिलने वाले रिटर्न्स समय के अनुरूप होंगे ।
Know about the rules of new Income Tax
आपको बताते चले कि अगर आप भी म्यूचुअल फंड्ज में निवेश करने की सोच रहे हैं , तो म्यूचुअल फंड्ज में निवेश करने से पहले आपको टैक्स नियमो की अच्छी जानकारी होना जरूरी हैं , यदि आपको टैक्स नियमो की अच्छी जानकारी है तो आप म्यूचुअल फंड्ज में निवेश करने का बेहतर फैसला ले सकते हैं ।
इसलिए हमारे एक्स्पर्ट्स आपको सलाह देते है कि टैक्सेशन के नियमो को बारे में स्पष्ट रूप से जान लेना बहुत जरूरी हैं ।
हालांकि टैक्स नियम बदलते रहते है ,इसलिए आपको किसी भी बदलाव के लिए अपने निवेशों में बदलाव करना पद सकता हैं ,इसके लिए आपको अपने म्यूचुअल फंड्ज के पोर्टफोलियो पर नियमित रूप से नज़र रखनी होगी ।
आज के इस लेख में हमारे एक्स्पर्ट्स आपको टैक्स के मामले में म्यूचुअल फ़ंड निवेश से संबन्धित जरूरी बाते बताने जा रहे हैं ,जो आपके बहुत कम आयेंगी ।
Taxation Rules for Mutual Funds
Taxation on Equity-Oriented (Related) Mutual Fund
हम आपको म्यूचुअल फ़ंड में कराधान की प्रणाली के बारे में विस्तृत बिन्दुवार जानकारी देंगे ।
- अगर बात करे इंडेक्सन बेनिफ़िट की तो 12 महीने से अधिक समय के लिए रखी गई इकाइयो पर 10 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता हैं । एक लाख रुपये तक के निवेश पर भी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स फ्री नहीं हैं ।
- यदि आपका निवेश 12 महीने या उससे कम समय तक के लिए रखी गई इकाइयो पर है , तो आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर 15 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाता हैं ।
Taxation on Debt Mutual Funds
- यदि हम बात करे 36 महीने या तीन साल से अधिक की डैब्ट म्यूचुअल फंड्ज यूनिट के बारे में तो इंडेक्सन मुहैया करवाने के बाद 20 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स लगता हैं ।
- 36 महीने या उससे कम समय के लिए इकाइयो पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स को आपकी इनकम के साथ जोड़ा जाता हैं और लागू होने वाली स्लैब रेट के अनुसार टैक्स लगाया जाता हैं ।
इंडेक्सन निवेश पर टैक्स घटाने के लिए एक सरलतम उपाय यह है ,कि इंडेक्सन के माध्यम से निवेश पर लगी रकम को महंगाई के अनुपात मे बढ़ाते जाए , जिससे निवेश की रकम ज्यादा दिखाने से मुनाफा कम आता हैं और टैक्स देनदारी घट जाती हैं ।
Things required for investment in Mutual funds
म्यूचुअल फंड्ज मे निवेश करने के लिए हमारे एक्स्पर्ट्स आपको कुछ महत्वपूर्ण सलाह देते है ,जिससे आपको कम से कम समय में अच्छे रिटर्न्स देखने को मिल सके आइए बात करते हैं कुछ म्यूचुअल फंड्ज से संबन्धित महत्वपूर्ण बिन्दुओ के बारे में –
- किसी भी म्यूचुअल फंड्ज स्कीम का चयन एक बार की प्रक्रिया नहीं हैं , जबकि आपको हर साल अपने म्यूचुअल फंड्ज स्कीम की समीक्षा करनी चाहिए ।
- अपने म्यूचुअल फ़ंड के पोर्टफोलियो की समीक्षा से आप नॉन-परफ़ोर्मर योजनाओ से छुटकारा पा सकते हैं ।
- अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा कर लेने से निवेशको को यह जानने में मदद मिल जाती है कि उनके निवेश के ऑप्शन से लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद है कि नहीं । सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि आप एक फायदेमंद कार्यवाही कर सकते है अर्थात जहां पर कम रिटर्न देखने को मिल रहे है ,वहाँ से आप बेहतर रिटर्न्स देने वाली स्कीम के साथ जुड़ सकते हैं ।
- बहुत बार निवेशको को अच्छा रिटर्न मोटी रकम में देखने को मिलता हैं , क्योकि बहुत सी स्कीमो का जोखिम बहुत अधिक हो जाता हैं ।
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म्यूचुअल फ़ंड में टैक्सेशन से संबन्धित किसी भी प्रकार के निजी सवाल आप हमसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं ।