नमस्कार दोस्तो , वैसे तो आप सब को पता ही हैं कि हिंदुस्तान में निवेश और बचत के लिहाज से Public Provident Fund (PPF) बहुत ही लोकप्रिय और पुराना तरीका हैं । हालांकि ये Public Provident Fund (PPF) स्कीम छोटी बचत स्कीम हैं ।
आपको बताते चले कि कि सरकार ने जुलाई-सितंबर तक के लिए सभी छोटी बचत की स्कीमो के लिए ब्याज दर में हाल फिलहाल कोई बदलाव नही किया गया हैं ।
आप सभी को पता है कि Public Provident Fund (PPF) फ़िक्स्ड इनकम के उन साधनो में से हैं जिनका ब्याज सबसे अधिक हैं।
PPF full form- Public Provident Fund होता हैं।
अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करने कि सोच रहे हैं तो Public Provident Fund (PPF) एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता हैं । इसमे आपका निवेश सुरक्षित ही नही बल्कि Public Provident Fund (PPF) में टैक्स छूट और कई तरह के भी फायदे मिलते हैं और किसी भी प्रकार का जोखिम भी नहीं रहता हैं ।
तो आइए जानते हैं :- Public Provident Fund (PPF) के बारे में –
PPF Interest rates कैसी होती हैं?
आपको बताते चले की पब्लिक प्रोविडेंट फ़ंड मे ब्याज दर फिक्स नहीं होती है , जबकि ये दस साल वाले परिपक्वता अवधि वाले सरकारी बॉन्ड से जुड़ी हैं । हालांकि इसकी ब्याज दर दिन-प्रतिदिन नहीं बदलती बल्कि इसकी ब्याज दर हर तिमाही में निर्धारित की जाती हैं ।
इसकी ब्याज दर पिछले तीन महीनो के रेसीओ बॉन्ड रिटर्न के आधार पर फ़िक्स्ड किया जाता हैं । आपको बताते चले कि अप्रैल-जून 2019 के तिमाही से लगातार गिरावट आ रही हैं , अब फिलहाल में यह ब्याज दर 7.1 फीसदी रह गई हैं ।
PPF tenure कितना बढ़ा सकते हैं?
हालांकि पीपीएफ़ अकाउंट में 15 साल में मच्योर हो जाता हैं , पीपीएफ़ मैच्च्योर होने के बाद आप पूरे पैसे निकाल कर आप अपना पीपीएफ़ अकाउंट बंद कर सकते हैं , या फिर कॉन्ट्रिब्यूशन के साथ या इसके बगैर आप अपने पीपीएफ़ अकाउंट को 5 साल तक के लिए बढ़ा सकते हैं । इसी प्रकार आप अपने पीपीएफ़ अकाउंट को 5 साल के एक्स्टेंसन के साथ कितनी बार भी बढ़ा सकते हैं । यानि की इसमे कोई समय सीमा तय नहीं हैं ।
PPF has sufficient liquidity available
काफी लोगो के मन मे यह शंका होती हैं कि पीपीएफ़ अकाउंट का रुपया 15 साल के लिए फँस गया हैं , लेकिन ऐसा नहीं हैं 15 साल की अवधि उस दिन से शुरू होती हैं जिस दिन से आपने अकाउंट खोला होता हैं उसी दिन से लॉक-इन की अवधि धीरे-धीरे कम होती जाती हैं । 14वे साल तक यह अवधि घटते-घटते एक साल तक रह जाती हैं ।
यदि आपने पीपीएफ़ अकाउंट 2006 में खोला हैं तो लॉक-इन अगले साल तक खत्म हो जाएगा ।
पीपीएफ़ में हर साल निवेश करे।
अगर आपके पास भी पीपीएफ़ अकाउंट है तो आप हर साल 500 रुपये या उससे अधिक 1.5 लाख रुपये तक डाल सकते हैं । यदि आप अपने पीपीएफ़ अकाउंट को अगले 5 साल के लिए एक्सटेंट करवाते है , तब भी आप उसमे 500 रुपये या उससे अधिक डालते रहे नही अन्यथा की स्थिति में आपका पीपीएफ़ अकाउंट निष्क्रिय कर दिया जाएगा । इसको फिर से एक्टिवेट करने के लिए आपको 50 रुपये का जुर्माना लगेगा । यदि आप अपने पीपीएफ़ अकाउंट में 1.5 लाख से अधिक डाल देते है, तो आपको 1.5 लाख से ऊपर के राशि पर किसी भी प्रकार का ब्याज नही मिलेगा ।
सालाना 1.5 लाख रुपये के ऊपर की राशि को आप अपने बच्चो के नाम पर खोले गए पीपीएफ़ अकाउंट में होने वाला कॉन्ट्रिब्यूशन भी शामिल हैं ।
PPF में ब्याज का कैलकुलेसन कैसे करते हैं? (PPF Calculator)
यदि आपके पास भी पीपीएफ़ अकाउंट है , तो जान लीजिये इसमे चक्रवृद्धि ब्याज मिलता हैं , लेकिन इसका कैलकुलेसन हर महीने होता हैं । यह ब्याज आपको हर महीने की 5 तारीख और अंतिम तारीख के बीच मौजूद मिनिमम बैलेन्स पर दिया जाता हैं ।
अगर आप महीने की 5 तारीख से पहले निवेश कर रहे हैं , तो आपको उस महीने का भी ब्याज मिलेगा । अन्यथा की दशा में यह सरकार के लिए एक ब्याज रहित लोन की तरह होगा । इसलिए आप यदि चेक के द्वारा निवेश कर रहे है , तो कट-ऑफ डेट से 3-4 दिन पहले चेक जमा करा दीजिये , क्योकि यदि आपका संबन्धित बैंक आपके पीपीएफ़ अकाउंट मे क्रेडिट करने मे तनिक भी सुस्ती दिखाता है , तो आपको निवेश में उस महीने का ब्याज नही मिलेगा ।
क्या इमरजेंसी में पीपीएफ़ का रुपया निकाल सकते हैं?
आपको बताते चले कि आप अपने पीपीएफ़ अकाउंट में से 6 साल के बाद चार साल की अवधि के अंत में बैलेन्स का 50 फीसदी हिस्सा निकाल सकते हैं , यदि आपको पीपीएफ़ अकाउंट खोले छः साल नहीं हुए हैं तो आप 3 साल से लेकर 6 साल तक लोन ले सकते हैं , इस लोन की राशि में सालाना 1 फीसदी के आस-पास ब्याज लगता हैं और इस रकम को आपको तीन साल में चुकाना होता हैं , क्योकि जबतक लोन की राशि पूर्णत: जमा नही हो जाती तब तक दूसरा लोन नही मिलता हैं ।
PPF में टैक्स का लाभ कैसे मिलता हैं?
यदि आपके पास भी एक पीपीएफ़ अकाउंट है , तो आपको सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख तक की राशि पर आपको टैक्स छूट मिल जाती है , साथ ही इसमे मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स नहीं लगता हैं । लेकिन आईटीआर फ़ाइल दाखिल करते समय आपको इसकी जानकारी देना अनिवार्य हैं । पीपीएफ़ निकालने में भी टैक्स नहीं लगता हैं , और इससे टैक्स पेयर की टैक्स देनदारी भी प्रभावित नही होती हैं । मच्योरिटी पूरी होने पर मिलने वाली राशि पर भी टैक्स नहीं लगता हैं ।
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यदि आप पीपीएफ़ अकाउंट से संबन्धित और किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहते है ,तो आप अपने निजी सवाल कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं ।