एफ़डीआई क्या हैं? | (How to earn From FDI?)

नमस्कार दोस्तो, आपका एक बार फिर Financial Funda में बहुत-बहुत स्वागत हैं, आप सभी को यह तो ज्ञात ही हैं कि किसी भी देश का विकास उस देश की टॉप क्लास कंपनियो पर निर्भर करता हैं, क्योकि वहाँ के लोगो को रोजगार भी उन्ही के माध्यम से मिलता हैं ।

उन कंपनियो को को अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए निवेश की आवश्यकता पड़ती हैं इससे न केवल कोई कंपनी का पोर्टफोलियो मजबूत होता हैं अपितु देश का विकास भी बहुत तेज़ी से होता हैं ।

इसीलिए देश की सरकारे विदेशी निवेश को बढ़ावा देती हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा कंपनी में निवेश किया जा सके और ज्यादा से ज्यादा रोजगार के साधन बनाए जा सके। इसलिए भारत सरकार ने FDI की शुरुआत की थी।

दोस्तो आज के इस शानदार लेख में हम आपको यह बताएँगे कि आखिरकार FDI क्या हैं?और FDI के क्या फायदे और नुकसान हैं ।

आइए FDI के बारे में विस्तार से बात करते हैं –

What is FDI in Hindi? (एफ़डीआई क्या हैं?)

हम आपको बता दे कि FDI का फुल फॉर्म “Foreign Direct Investment” हैं । इसका हिन्दी भाषा में मतलब “प्रत्यक्ष विदेशी निवेश” होता हैं । जब कोई देश दूसरे देश की कंपनी में निवेश करता हैं तो उसे FDI कहते हैं । इस प्रकार FDI में निवेश करने वाला निवेशक उस कंपनी में हिस्सेदार भी बन जाता हैं , इस प्रकार निवेशक उस कंपनी के Securities, Bonds, Shares खरीद सकता हैं ।

यहाँ तक कि वह निवेशक FDI के द्वारा उस कंपनी का नई Factory या Establishment कर सकता हैं ।

FDI के माध्यम से ही देश में निवेश की दृष्टि से रुपया आता हैं , जिससे सरकार को फायदा होता है और कंपनी को अपना कारोबार बढ़ाने में काफी मदद मिल जाती हैं । ऐसे में अगर कंपनी प्रॉफ़िट कमाती हैं, तो कंपनी के साथ-साथ FDI के अंतर्गत निवेश करने वाले निवेशक को भी फायदा पहुंचता हैं ।

आपको हम एक सबसे जरूरी बात ये बता दे कि FDI में निवेश तभी स्वीकार्य किया जाता हैं, जब निवेशक उस कंपनी का 10 फीसदी या उससे अधिक का निवेश करता हैं ।

What are the types of FDI? (एफ़डीआई कितने प्रकार का हैं?)

FDI मुख्य रूप से दो प्रकार का होता हैं , हम आपको एक-एक के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे जिससे आपको FDI को समझने में आसानी हो सके । तो आइए जानते FDI के दोनों प्ररूपों के बारे में –

1 Greenfield FDI

FDI के Greenfield FDI प्रारूप के अंतर्गत निवेशक कंपनी अपना कारख़ाना या स्टोर दूसरे देश में बड़ी आसानी से खोल सकती हैं । इससे सीधा फायदा वहाँ के लोगो को होता हैं क्योकि तरह-तरह के रोजगार के अवसर मिल जाते हैं । इसमे यदि निवेशक कंपनी चाहे तो वह भारतीय कंपनी की सहायक कंपनी भी खोल सकते हैं, वह भी पूरे स्वामित्व के साथ Facebook, Google, Microsoft, Amazon ने FDI के Greenfield FDI प्रारूप के अंतर्गत ही अपनी कंपनी और शाखाये भारत में खोल रखी हैं ।

2 Brownfield FDI

FDI के Brownfield FDI प्रारूप के अंतर्गत निवेशक कोई कंपनी या स्टोर नहीं खोल सकता, बल्कि पुरानी कंपनी का ही हिस्सा खरीद कर उसी पर अपना मालिकाना हक ले लेती हैं । उदाहरण के तौर पर जैसे कुछ सालो पहले Vodafone ने Hutch को खरीद लिया था इसके बाद Hutch का कारोबार भी Vodafone ने अपने नाम से ही भारत में शुरू कर दिया ।

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Advantages of FDI (एफ़डीआई के फायदे)

अगर किसी देश में FDI के माध्यम से विदेशी निवेश आता हैं तो उसका फायदा सीधा वहाँ के नागरिकों को होता हैं । हम आपको FDI से होने वाले फ़ायदों को विस्तार से बताएँगे ।

तो आइए जानते हैं FDI से होने वाले फ़ायदों के बारे में

  • किसी कंपनी में विदेशी निवेश आ जाने के बाद उस कंपनी की लागत कम हो जाती हैं जिससे समान सस्ती दर से मिलने लगता हैं।
  • FDI के माध्यम से ही देश में विदेशी टेक्नालजी आती हैं, जिसका देश के विकास में सकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं।
  • FDI से नई शाखाये या स्टोर खुल जाते हैं जिससे लोगो को रोजगार के अवसर मिल जाते हैं ।

Disadvantage of FDI (एफ़डीआई के नुकसान)

जैसा कि हर एक अवसर में फायदे के साथ-साथ नुकसान भी होते हैं, ठीक उसी प्रकार FDI के भी कुछ नुकसान हैं , जो हम आपको बताने जा रहे हैं ।

  • FDI का सीधा असर छोटे व्यापारियो पर पड़ता हैं, क्योकि बड़ी कंपनी सस्ते दर में समान बेचती हैं।
  • FDI आ जाने से विदेशी कंपनियो का घरेलू बाज़ार में ज्यादा वर्चस्व हो जाएगा ।
  • विदेशी कंपनियो के पास घरेलू बाज़ारो और घरेलू श्रम को विकसित करने का प्रोत्साहन कम मिल सकता हैं, क्योकि यह उनका देश नहीं हैं ।

Which are the Top FDI investors present in India.

हम आपको साल (2019-2020) के अनुसार भारत के टॉप एफ़डीआई निवेशको के बारे में बताने जा रहे हैं।

> Singapore (11.65 US$ Billion)

> Mauritius (7.45 US$ Billion)

> Netherlands (3.53 US$ Billion)

> Japan (2.80 US$ Billion)

> USA (2.79 US$ Billion)

उदाहरण के तौर में वर्तमान में देख लीजिये मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने FDI के माध्यम से करीब Rs. 1.1 करोड़ का निवेश प्राप्त किया हैं, जिसमे Silver Lake, Vista Equity Partners, Mubadala, Facebook, KKR जैसी दिग्गज कंपनिया शामिल हैं ।

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दोस्तो आज के इस लेख में हमने आपको बताया कि FDI क्या होता हैं और इससे भारतीय बाज़ार में क्या फायदे हैं, हमे आशा हैं कि आज की लेख आपको पसंद आई होगी अगर आपके कोई निजी सवाल या सुझाव हैं तो हमसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं । धन्यवाद !

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